किसी भी अंग पर रंग लेपन कर स्पर्श सुख प्राप्त करना
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जब तरंग उठेगी तो अपने आप चंग बजने लगेगी और जब चंग बजाकर हाथ थक जाएँगे तब रंग लगाने का मन करने लगेगा काहे कि बिना रंग के होली कैसी? और जब रंग लगाने का मन करेगा तो अंग की आवश्यकता पड़ेगी फिर खुल करके ऊपर से नीचे तक आवश्यकतानुसार किसी भी अंग पर रंग लेपन कर स्पर्श सुख प्राप्त करना ही होली का महत्व है।